Friday, February 14, 2014

आत्ममिलन-अमृता प्रीतम

आत्ममिलन

पर जूते और कमीज की तरह
तू अपना बदन भी उतार दे
उधर मूढ़े पर रख दे
कोई खास बात नहीं
बस अपने अपने देश का रिवाज है……

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